Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Mar-2023 होली देती संदेश

शीर्षक-होली देती संदेश
होली का रंग होता है अनेक,
पर लगने के बाद लगता है एक।

सतरंगी रंगों से बनता इंद्रधनुष,
बिन मौसम का बना इंद्रधनुष।

आज धरती पर बना इंद्रधनुष,
देखो आज तुम मनुज।

देखो मनुज! ना रंग है ना वेश,
एकता में अनेकता का है देश।

 होली को सफेद वस्त्र पहनते,
बनकर रंगीन वह खूब सजते।

सब का खून बनाया एक,
इंसान ने बनाई जाती अनेक।

लेकिन हम क्यों करें भेद,
आज दे रहे यही संदेश।

खून की तरह हो जाओ तुम एक,
भेजो सबको यही संदेश।

ना करो तुम गोरे काले का भेद,
मानवता में ना करो छेद।

ना खेलो जात पात का खेल,
ना करो तुम जिंदगी में खेद।

आज तो होली है भाई,
सारे जगत में होली छाई।

उड़ाओ सब जगह अबीर,
सब गाते रहो  दोहे कबीर।

बना दो सतरंगी रंगों का मेल,
शुरू करो  रंगों का खेल।

दूर बैठे हैं उनको पास बुलाओ,
गुलाल तुम उनको लगाओ।

बुरा ना मानो होली है,
निकली आज टोली है।

 गले लगा कर बोलो तुम,
होली की शुभकामनाएं कहो तुम।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया

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7 Comments

अदिति झा

09-Mar-2023 06:25 PM

Nice 👌

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Muskan khan

09-Mar-2023 06:15 PM

Nice

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Alka jain

09-Mar-2023 04:29 PM

Nice 👍🏼

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